November 11, 2025 12:42 am

[the_ad id="14531"]

उत्तर प्रदेश सरकार का नया निशाना: संभल की शाही मस्जिद का सूखा कुआं

नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से विवादों के बीच घिरी उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद अब एक नए विवाद का सामना कर रही है. इस बार झगड़ा एक कुएं को लेकर है.

मस्जिद से सटे ‘धरणी वराह कूप’ कुएं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक केस चल रहा है. जिला प्रशासन एक सरकारी योजना के तहत इसका नवीनीकरण करना चाहता है और उसके जरिये इस कुएं पर मस्जिद का दावा कमजोर करना चाहता है. प्रशासन का कहना है कि यह स्थल सार्वजनिक भूमि पर स्थित है और उसका मस्जिद से कोई संबंध नहीं है.

वहीं, मस्जिद कमेटी का दावा है कि यह कुआं मस्जिद परिसर का हिस्सा है और लंबे समय से उनकी मज़हबी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता रहा है.

दिलचस्प है कि यह कुआं लगभग सूख चुका है. इस कुएं को ऊपर से पटवा दिया गया है, और इसके एक हिस्से पर पुलिस चौकी भी है. मस्जिद कमेटी ने इस कुएं में बोरवेल लगवा दिया है जो थोड़ा-बहुत पानी खींच लेता है. यह पानी मस्जिद में आते-जाते मुस्लिम लोगों के काम आ जाता है. एक सूखे कुएं को हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है.

क्या है धरणी वराह कूप को लेकर विवाद

संभल के कुओं का मामला पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में है. जिला प्रशासन के अनुसार संभल में धार्मिक महत्व के 19 पुराने कुएं कूप हैं, जिनको वह पुनर्जीवत करना चाहता है. इन 19 कुओं में से 14 के पुनरुद्धार के लिए ₹1.23 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. इनमें से ‘चतुर्मुख कूप’ का कार्य 20.56 लाख रुपये की लागत से लगभग पूरा हो चुका है.

धरणी वराह कूप इन्हीं 19 कुओं में से एक है.

जामा मस्जिद से लगा कुआं, जिसको जिला प्रशासन ‘धरणी वराह कूप’ कहती है. 

मस्जिद कमेटी ने जनवरी के महीने में सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर आरोप लगाया था कि स्थानीय प्रशासन ने उस कुएं को हिंदू धार्मिक स्थल घोषित करते हुए एक नोटिस जारी किया था और वहां हिंदूओं को प्रार्थना करने की अनुमति दे दी थी.

कमेटी का कहना था कि यह कुआं मस्जिद के दरवाजे पर स्थित है और इसका उपयोग मस्जिद से जुड़े धार्मिक कार्यों के लिए होता रहा है. कमेटी का तर्क था कि अगर इस स्थल पर पूजा-पाठ की इजाजत दे दी जाती है, तो यह सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ सकता है.

10 जनवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य को स्थानीय प्रशासन के इस नोटिस पर कोई कार्रवाई करने से रोकने का निर्देश देते हुए पूरी स्थिति पर एक रिपोर्ट मांगी थी.

सरकार का क्या कहना है 

29 अप्रैल को अदालत के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में राज्य सरकार ने दावा किया है कि धरणी वराह कूप मस्जिद परिसर से बाहर स्थित है और उसका मस्जिद से कोई संबंध नहीं है. सरकार ने कहा कि यह कुआं 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद कर दिया गया था और अब इसे वर्षा जल संचयन योजना के तहत पुनर्जीवित करने की योजना है.

रिपोर्ट कहती है कि यह कुआं सार्वजनिक है, उस पर एक पुलिस चौकी बनी हुई है, और यह नगरपालिका के स्वामित्व में है.

मस्जिद कमेटी ने कोर्ट में क्या कहा 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद कमेटी की ओर से अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट में 29 अप्रैल को कहा कि यह कुआं आंशिक रूप से मस्जिद की सीमा के भीतर आता है और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रयोग होता रहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि सार्वजनिक उपयोग के लिए इस कुएं को खोलने से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं.

उन्होंने कहा, ‘यह कुआं ऊपर से सीमेंट से ढका हुआ है, ऊपर से कभी नहीं खोला गया, और इसका एक हिस्सा मस्जिद के अंदर स्थित है. हम इस कुएं से पानी निकालते रहे हैं, हम इसे बहुत पुराने समय से उपयोग में ला रहे हैं.’

अपने 29 अप्रैल के आदेश में कोर्ट ने फिलहाल कुएं की यथास्थिति को बनाए रखने का आदेश दिया है और मस्जिद कमेटी को दो हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है.

मस्जिद से सटा कुआं और हिंदुओं की पूजा 

संभल 24 नवंबर की हिंसा के बाद से अशांत है. तमाम धार्मिक मुद्दे उखड़ रहे हैं. कभी शाही जामा मस्जिद की पुताई का मामला, कभी मस्जिद से सटी ज़मीन पर पुलिस चौकी का निर्माण, या फिर शहर के एक मुस्लिम बाहुल इलाके में मंदिर की कथित खोज का मसला.

इस तनाव के बीच जी रहे संभल में अब प्रशासन एक मस्जिद से लगे कुएं पर हिंदुओं को लाना चाहता है. जबकि इस इलाके में शायद ही कोई हिंदू परिवार रहता है.

‘धार्मिक सौहार्द न बिगड़े इसके लिए किया कोर्ट का रुख’

मस्जिद कमेटी के वकील क़ासिम जमाल कहते हैं कि इससे पहले कभी इस कुएं के हिंदू धार्मिक स्थल होने की बात नहीं उठी थी. ‘इस कुएं पर हिंदुओं को पूजा करने देने की बात पहले कभी नहीं उठी थी. ये सारा मसला तब सामने आया जब इन्होंने संभल में धार्मिक महत्व के कुएं के होने की बात कही, इस कुएं को भी उसमे शामिल कर लिया गया.’

अदालत ने मस्जिद पक्ष को दो हफ़्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.

salam india
Author: salam india

Leave a Comment

[youtube-feed feed=1]
Advertisement
[the_ad_group id="33"]
[the_ad_group id="189"]