छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बार फिर कथित धर्मांतरण का मामला सामने आया है. हिंदू संगठनों का आरोप है कि पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र के न्यू मन्नन नगर में एक किराए के मकान में अवैध रूप से धर्मांतरण गतिविधियां चलाई जा रही थीं.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. शिकायत मिलते ही एएसपी सुखनंदन राठौर के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा और संबंधित घर में पूछताछ शुरू की.
इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी, लेकिन पुलिस ने समय रहते हालात को काबू में कर लिया और प्रदर्शनकारियों को घर के भीतर जाने से रोक दिया. कुछ देर की पूछताछ के बाद पुलिस ने दो संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया और उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 के तहत मामला दर्ज किया. यह धारा धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित है.
हिंदू जागरण मंच ने ये लगाए आरोप
इस पूरे मामले पर हिंदू जागरण मंच के जिला सह संयोजक प्रफुल्ल पटेल ने आरोप लगया कि विभूति पॉल नाम का व्यक्ति दौलत राम के घर को किराए पर लेकर यहां धर्मांतरण करता है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 2-3 वर्षों से इस बात की चर्चा है. हम हिंदू जागरण मंच और छत्तीसगढ़ बजरंग दल के लोग यहां आए और पुलिस को सूचना देकर हमने बुलाया, जहां पुलिस ने कार्रवाई की. हमें पुलिस ने प्रदर्शन करने से मना किया हम पुलिस को कोआपरेट कर रहे हैं.
ईसाई समुदाय भी सड़क पर उतरा
वहीं, पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ईसाई समुदाय के दर्जनभर लोग पद्मनाभपुर थाने पहुंचे और विरोध जताया. उनका कहना है कि बिना ठोस सबूत के कार्रवाई की गई है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती कर दी गई, फिर माहौल को शांत कराया गया, जिसके कुछ देर बाद स्थिति सामान्य हो गई.
ईसाई समाज ने आरोप को बताया झूठा
वहीं, इस पूरे मामले को मसीही समाज ने झूठ करार दिया. संयुक्त ईसाई परिषद के जिला अध्यक्ष एम. जोनाथन जॉन ने सभी आरोपों के सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मुट्ठीभर असंवैधानिक लोग इकट्ठा होकर संडे के दिन चर्चों पर अटैक करते हैं और फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमाते रहते हैं, जबकि धर्मांतरण जैसी कोई बात नहीं है.





