November 11, 2025 6:01 pm

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वक़्फ़ संशोधन विधेयक पर पार्टी के रुख़ से नाराज़ दो जदयू नेताओं ने पार्टी छोड़ी

जदयू सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी ने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वक़्फ़ बिल पर पार्टी के रुख़ ने लाखों मुस्लिमों के विश्वास को तोड़ा, जो मानते थे कि पार्टी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को अडिग रहेगी. बिल को लेकर पार्टी के नेता मोहम्मद अशरफ अंसारी ने भी इस्तीफा दे दिया है.

नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के दो वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद अशरफ़ अंसारी ने गुरुवार को पार्टी और पार्टी में अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.

उनका यह इस्तीफा वक्फ संशोधन विधेयक पर उनकी पार्टी का केंद्र सरकार को समर्थन देने के बाद आया है. उन्होंने इस बिल का समर्थन करने पर अपने पार्टी की आलोचना भी की. बता दें कि व्यापक विरोध के बावजूद यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जद(यू) सुप्रीमो और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में अंसारी ने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी के रुख ने लाखों भारतीय मुसलमानों के विश्वास को तोड़ दिया है, जो मानते थे कि पार्टी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को अडिग रहेगी.

अंसारी पूर्वी चंपारण जिले के पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रवक्ता हैं. नीतीश कुमार को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा, ‘हम जैसे लाखों करोड़ों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से सेकुलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं. लेकिन अब यह यकीन टूट गया है. वक्फ बिल संशोधन अधिनियम 2024 पर जदयू के रुख से हम जैसे लाखों करोड़ों समर्पित भारतीय मुसलमानों एवं कार्यकर्ताओं को गहरा आघात लगा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोकसभा में श्री ललन सिंह ने जिस तेवर और अंदाज से अपना वक्तव्य दिया और इस बिल का समर्थन किया उस से काफी आहत हैं. वक्फ विल हम भारतीय मुसलमानों के विरुद्ध है. हम किसी भी सूरत में इसे स्वीकार नही कर सकते. यह बिल संविधान की कई मौलिक अधिकारों का हनन करता है.’

उन्होंने यह भी जोड़ा, ‘इस बिल के माध्यम से भारतीय मुसलमानों को जलील व रुसवा किया जा रहा है. साथ ही यह बिल पसमांदा विरोधी भी है. जिसका एहसास न आपको है और न आपकी पार्टी को. मुझे अफसोस हो रहा है कि अपनी जिंदगी के कई वर्ष पार्टी को दिया.’

इस्तीफा देने वाले दूसरे नेता मोहम्मद अशरफ अंसारी जद(यू) अल्पसंख्यक शाखा के प्रमुख हैं. अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि लाखों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि नीतीश कुमार पूरी तरह धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन अब यह विश्वास टूट चुका है.

उन्होंने भी अपने त्यागपत्र में लिखा कि जद(यू) के इस रुख से लाखों भारतीय मुसलमान और हमारे जैसे समर्पित कार्यकर्ता बहुत आहत हुए हैं.

ज्ञात हो कि लोकसभा में पारित होने के बाद इस बिल को शुक्रवार (4 अप्रैल) को राज्यसभा में भी पारित कर लिया गया है. राज्यसभा में 128 वोट इस बिल के समर्थन में पड़े और 95 विरोध में. इस विधेयक को अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

salam india
Author: salam india

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