November 11, 2025 2:44 am

[the_ad id="14531"]

तमिलनाडु: विधानसभा चुनाव से सालभर पहले एआईएडीएमके और भाजपा ने फिर हाथ मिलाया

नई दिल्ली: तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक एक साल पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार (11 अप्रैल) को घोषणा की कि वे अगला चुनाव एक साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी के रूप में लडेंगे.

रिपोर्ट के अनुसार, यह घटनाक्रम एआईएडीएमके द्वारा भाजपा से नाता तोड़ने और एनडीए से बाहर निकलने के डेढ़ साल बाद आया है.

मालूम हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की घोषणा की, जिसमें एआईएडीएमके महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी भी शामिल हुए.

अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गठबंधन पलानीस्वामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगा.

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) सरकार ने राज्य के मुख्य मुद्दे जिसमें, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और दलितों-महिलाओं पर अत्याचार शामिल है, से ध्यान भटकाने के लिए सनातन धर्म, तीन-भाषा नीति, नीट परीक्षा और परिसीमन का मुद्दा उठाया है.

एक्स पर एक पोस्ट में पलानीस्वामी, जिन्होंने शाह को अपने चेन्नई आवास पर रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया था, ने कहा कि गठबंधन का उद्देश्य ‘तमिलनाडु को डीएमके के पीछे ढकेलने वाले बेकार शासन से मुक्त कराना” और विकास में बाधा डालने वाली ऐतिहासिक गलतियों को सुधारना’ है.

ज्ञात हो कि सितंबर 2023 में एआईएडीएमके ने एडीए छोड़ दिया था. पार्टी ने भाजपा पर पार्टी के तत्कालीन राज्य प्रमुख के. अन्नामलाई पर लगाम नहीं लगा पाने का आरोप लगाया था, जो जे. जयललिता और सीएन अन्नादुरई सहित एआईएडीएमके नेताओं के खिलाफ ‘विवादास्पद’ टिप्पणी कर रहे थे.

गौरतलब है कि जयललिता और अन्नादुरई तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जबकि अन्नादुरई को एआईएडीएमके संस्थापक एमजी रामचंद्रन का राजनीतिक गुरु माना जाता है.

शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि भाजपा-एआईएडीएमके गठबंधन ‘अब स्थायी होने जा रहा है और अब इसमें कभी कोई अड़चन नहीं आएगी.’

यह गठबंधन तमिलनाडु भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन के बीच हुआ है, जिसमें तिरुनेलवेली के विधायक नैनार नागेंद्रन को भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में अन्नामलाई की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह घटनाक्रम इस पृष्ठभूमि में है कि अन्नामलाई और पलानीस्वामी दोनों ही गौंडर समुदाय से हैं. साथ ही, भाजपा का मानना ​​है कि राज्य में ‘अपने वोट आधार का विस्तार करने के लिए जातिगत प्रतिनिधित्व को संतुलित करना महत्वपूर्ण है.’

salam india
Author: salam india

Leave a Comment

[youtube-feed feed=1]
Advertisement
[the_ad_group id="33"]
[the_ad_group id="189"]