November 11, 2025 2:44 am

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घोटालेबाज रेंजर का काला खेल उजागर! मरवाही वनमंडल में 18 लाख से ज़्यादा की लूट – फर्जी सील, सिग्नेचर और बिलों का जाल – SDO ने खोली साज़िश की परतें!

अब्दुल सलाम क़ादरी

  • घोटालेबाज रेंजर का काला खेल उजागर!
  • मरवाही वनमंडल में 18 लाख से ज़्यादा की लूट – फर्जी सील, सिग्नेचर और बिलों का जाल – SDO ने खोली साज़िश की परतें!

  • मरवाही बना भ्रष्टाचार का केंद्र – विभागीय अफसरों की पूरी चेन पर सवाल!

मरवाही वनमंडल से सामने आई इस सनसनीखेज खबर ने पूरे छत्तीसगढ़ के वन विभाग को झकझोर कर रख दिया है। यहाँ महज़ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरा तंत्र घोटाले में संलिप्त पाया गया है।

घोटाले के मुख्य किरदार:

  • DFO रौनक गोयल
  • रेंजर रमेश खरवार (मरवाही)
  • डिप्टी रेंजर श्रीकांत परिहार
  • वनरक्षक जवाहर
  • संलग्न SDO अविनाश मैन्युअल

इन सभी ने सेल कोटा और नेचर कैंप के नाम पर फर्जी बिलों के ज़रिए लाखों की रकम सरकारी खजाने से निकाल ली।


श्रीकांत परिहार ने किए फर्जी हस्ताक्षर, बिलों में बड़ा खेल!

जांच में सामने आया कि डिप्टी रेंजर श्रीकांत परिहार ने अन्य वनरक्षकों के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी दस्तावेज बनाए। इन दस्तावेजों के आधार पर फर्जी मजदूरी और सामग्री बिल तैयार किए गए और उनका भुगतान भी करवा दिया गया।


रेंजर और संलग्न SDO की मिलीभगत से बना गोरखधंधा!

जब उप मंडल अधिकारी मोहर सिंह मरकाम (SDO, उपवनमंडल पेण्ड्रा) छुट्टियों पर गए, तब रेंजर रमेश खरवार ने मौके का फायदा उठाकर
संलग्न अधिकारी अविनाश मैन्युअल से फर्जी प्रमाणन करवाया और मजदूरों तथा सामग्री के बिलों को पास करा लिया।

यह घोटाला कोई पहली बार नहीं हुआ – पूर्व में भी ऐसे ही फर्जी दस्तावेजों से भुगतान किया गया है।


SDO मोहर सिंह की सख्ती से हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा!

हाल ही में जब फिर से इसी तरह के बिलों को भुगतान के लिए भेजा गया, तब SDO मोहर सिंह मरकाम ने दस्तावेज देखकर साफ कहा –
“ना ये मेरे हस्ताक्षर हैं, ना ही ये मेरी सील है।”
इसके बाद उन्होंने गंभीरता से जांच शुरू कर दी, जिससे पूरे नेटवर्क की साजिश सामने आई।


घोटालेबाजों का गठजोड़ – सिर्फ सस्पेंशन नहीं, हो गिरफ्तारी और जांच!

यह महज एक विभागीय चूक नहीं, बल्कि संगठित भ्रष्टाचार है –

  • पूरे गिरोह की CBI या EOW जांच होनी चाहिए
  • रेंजर रमेश खरवार, श्रीकांत परिहार, अविनाश मैन्युअल और अन्य की भूमिका की गहराई से जांच हो
  • तत्काल प्रभाव से निलंबन, एफआईआर और गिरफ्तारी की कार्रवाई हो

अब सरकार की अग्निपरीक्षा – क्या ‘जीरो टॉलरेंस’ सिर्फ नारा है?

अगर इतने पुख्ता सबूतों के बाद भी सख्त कदम नहीं उठाए जाते, तो ये बाकी भ्रष्ट अफसरों को खुला न्योता होगा कि “लूटो और निकल जाओ!”
मरवाही घोटाला छत्तीसगढ़ के वन विभाग की साख पर सीधा हमला है।


अब या कभी नहीं – सिस्टम से गंदगी हटाना जरूरी है!

इस पूरे प्रकरण में दोषियों को सज़ा दिलाना जरूरी है – ताकि यह एक नज़ीर बने, और भविष्य में कोई अधिकारी विभागीय धन को अपनी जागीर न समझे।

इसी कड़ी में अगला अपडेट जल्द

salam india
Author: salam india

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