नई दिल्ली: गुजरात के वडोदरा जिले में पादरा के पास हुए पुल हादसे में मरने वालों की संख्या 15 हो गई. बचाव दल ने गुरुवार (10 जुलाई) सुबह महीसागर नदी से तीन और शव बरामद किए हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने कहा, ‘महीसागर नदी पर हुए हादसे के बाद बचाव और राहत अभियान बुधवार सुबह 10 बजे से जारी है. कल रात जलस्तर बढ़ने के कारण अभियान को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था, लेकिन गुरुवार सुबह 7 बजे यह फिर से शुरू हो गया. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सक्रिय रूप से तलाशी अभियान चला रही हैं. सुबह तीन शव बरामद किए गए, जिससे कुल मृतकों की संख्या 15 हो गई. बचाव कार्यों में कुल 10 विभिन्न एजेंसियां शामिल हैं.’
जिन दो पीड़ितों के शव रात में मिले, उनकी पहचान मेहराम हथिया (51) और विष्णु रावल (27) के रूप में हुई है.
वडोदरा जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने बताया कि बचाए गए नौ लोगों में से पांच घायल हो गए हैं और उनका वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि घायलों में से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह एनडीआरएफ कर्मियों, स्थानीय अग्निशमन कर्मियों और गोताखोरों की एक संयुक्त टीम ने नदी की तेज़ धाराओं में खोज अभियान फिर से शुरू किया. ज़िला कलेक्टर अनिल धमेलिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस प्रयास की निगरानी के लिए घटनास्थल पर मौजूद थे.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने जांच के आदेश दिए हैं और घटना की जांच के लिए मुख्य अभियंता-डिजाइन, मुख्य अभियंता-दक्षिण गुजरात और दो निजी पुल निर्माण विशेषज्ञों की एक तकनीकी टीम भेजी है.
पटेल ने कहा, ‘मैंने टीम को पुल के ढहने के कारणों की तत्काल जांच करने और तकनीकी पहलुओं पर प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.’
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सड़क एवं भवन विभाग की एक उच्च-स्तरीय तकनीकी टीम सुबह-सुबह गहन जांच के लिए पहुंच गई. इस टीम में मुख्य अभियंता सी. पटेल और एनके पटेल के साथ-साथ अधीक्षण अभियंता केएम पटेल, एमबी देसाई और एनवी राठवा शामिल हैं.
राजस्व और पुलिस की टीमें घटनास्थल पर चौबीसों घंटे निगरानी बनाए हुए हैं. अधिकारी पर्यावरणीय खतरों को रोकने के लिए ढहे हुए हिस्से के पास से रसायन से लदे एक टैंकर को सुरक्षित रूप से हटाने को भी प्राथमिकता दे रहे हैं. गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने संभावित खतरों का आकलन करने के लिए आज सुबह निरीक्षण किया.
यह हादसा बुधवार सुबह करीब 7.30 बजे हुआ जब मध्य गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र को जोड़ने वाले इस पुल का 10 से 15 मीटर लंबा स्लैब पादरा कस्बे के पास अचानक टूट गया. घटनास्थल के वीडियो में दो खंभों के बीच पुल का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से ढहता हुआ दिखाई दे रहा है, जिससे उस समय पुल पार कर रहे वाहन नीचे गिर गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रक, वैन और अन्य वाहन पानी में गिर गए और अफरा-तफरी मच गई.
कलेक्टर ने आवश्यकता पड़ने पर पुल के ढहे हुए हिस्से को गिराने के भी निर्देश जारी किए हैं.
इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडोदरा में पुल ढहने से मरने वालों के परिवारों के लिए 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की.
एक्स पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री पटेल ने कहा, ‘आनंद और वडोदरा को जोड़ने वाले गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढहने से हुई दुर्घटना अत्यंत दुखद है. राज्य सरकार इस त्रासदी से प्रभावित प्रत्येक परिवार के साथ पूरी संवेदना के साथ खड़ी है. राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी. इसके अतिरिक्त, दुर्घटना में घायल प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी और सभी उपचार व्यवस्थाएं भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएंगी.’
2025 में पुल ढहने की तीसरी घटना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 9 जुलाई को ढहे पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और आवश्यकतानुसार समय-समय पर इसका रखरखाव किया जाता था.
इससे पहले 15 जून को पुणे के पास इंद्रायणी नदी पर बने एक पुराने लोहे के पैदल यात्री पुल के ढह जाने से चार लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे. यह घटना दोपहर 3:30 बजे कुंदमाला क्षेत्र में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही थी और यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल था.
इससे पहले 23 मार्च को अहमदाबाद के पास बुलेट ट्रेन लाइन पर खंभों के बीच कंक्रीट गर्डर लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक विशाल गैंट्री पीछे खींचते समय अपनी जगह से फिसल गया, जिससे वह ढह गया.
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने एक बयान में कहा, ‘वटवा (अहमदाबाद के पास) में वायडक्ट निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सेगमेंटल लॉन्चिंग गैंट्री कंक्रीट गर्डर की लॉन्चिंग पूरी करने के बाद पीछे खींच रहा था. यह गलती से अपनी जगह से फिसल गया. इससे आसपास की रेलवे लाइन प्रभावित हुई है.’





