November 10, 2025 7:16 pm

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बिहार: चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि 35.6 लाख नाम मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे

नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन के बाद 35.6 लाख से ज़्यादा मतदाता मतदाता सूची से बाहर हो जाएंगे. इनमें वे लोग शामिल हैं, जो या तो मृत पाए गए हैं, या बिहार से बाहर चले गए हैं, या फिर उनके नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज हैं.

बिहार में मतदाता सूची के ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ (एसआईआर) पर अपनी नवीनतम विज्ञप्ति में चुनाव आयोग ने कहा कि उसके अधिकारियों द्वारा दो चरण के ‘घर-घर जाकर’ किए गए सर्वेक्षणों के बाद कुल मतदाताओं में से 88.18% ने अपने गणना फ़ॉर्म जमा कर दिए हैं.

मालूम हो कि राज्य में मतदाता सूची में संशोधन की ये कवायद इस साल नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से कुछ ही महीने पहले शुरू की गई है.

आयोग के अनुसार, यह 88.18% संख्या बिहार में 7,89,69,844 (7.8 करोड़) मतदाताओं का आंकड़ा दर्शाती है. इनमें से 83.66% या 6,60,67,208 (6.6 करोड़) मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं.

चुनाव आयोग ने अन्य मतदाताओं के विवरण में कहा है कि राज्य के 1.59% मतदाता (12,55,620) मृत पाए गए हैं, 2.2% स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं (17,37,336), और 0.73% मतदाता (5,76,479) एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए हैं.

कुल मिलाकर, यह संख्या 35,69,435 यानी 35.6 लाख से ज़्यादा मतदाता है. इस प्रकार, एसआईआर प्रक्रिया के तीसरे चरण के शुरू होने से पहले ही बिहार में मतदाता सूची से 35.6 लाख से ज़्यादा नाम हटा दिए जाएंगे.

उल्लेखनीय है कि मतदाता सूची का मसौदा 1 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा.

इस बीच चुनाव आयोग ने अभी इस चरण में उन लोगों तक पहुंचने के लिए अखबारों में इस प्रक्रिया का विज्ञापन देना शुरू कर दिया है, जो अस्थायी रूप से बिहार से बाहर चले गए हैं. कई अखबारों ने पहले पृष्ठ पर एसआईआर प्रक्रिया पर हिंदी भाषा में विज्ञापन दिए हैं.

द ट्रिब्यून के पहले पन्ने पर बिहार एसआईआर पर चुनाव आयोग का विज्ञापन.

चुनाव आयोग ने दावा किया है कि ऐसे मतदाता अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर ईसीआईनेट ऐप के माध्यम से या https://voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म के माध्यम से (एसआईआर दिशानिर्देशों के पैरा 3(डी) के अनुसार) आसानी से ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं. वे अपने फॉर्म अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से या वॉट्सऐप या इसी तरह के किसी भी ऑनलाइन माध्यम से संबंधित बीएलओ को भी भेज सकते हैं.

ज्ञात हो कि चुनाव आयोग द्वारा अचानक एसआईआर जारी करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है. अदालत ने इस संबंध में आयोग से 28 जुलाई तक जवाब मांगा है.

इस दौरान चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेज़ों की एक सूची भी बनाई है, जो मतदाता इस प्रक्रिया के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं.

पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने आयोग से मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड को भी इस सूची में शामिल करने पर विचार करने को कहा था.

रिपोर्ट के अनुसार, कई जगहों पर बीएलओ (ब्लॉक स्तरीय अधिकारी) वैध दस्तावेज़ रखने वालों से भी केवल आधार कार्ड ही ले रहे हैं.

salam india
Author: salam india

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