November 11, 2025 12:19 am

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गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में करोड़ों का स्टाप डेम घोटाला? पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ पर जांच दबाने के आरोप

अब्दुल सलाम क़ादरी-प्रधान संपादक

  • गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व में करोड़ों का स्टाप डेम घोटाला, सरकार पर जांच दबाने के आरोप

कोरिया/रायपुर।
गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व, जिला कोरिया के पार्क वन परीक्षेत्र में 7 स्टाप डेम निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। आरोप है कि लगभग 138 लाख रुपये की लागत से प्रस्तावित इन डेमों का निर्माण कार्य कागजों में पूरा कर राशि आहरण कर ली गई थी, जबकि मौके पर कोई कार्य नहीं हुआ था।

इस घोटाले की शिकायत हमारे द्वारा उच्च अधिकारियों से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक की गई थी। शिकायत के बाद हड़बड़ी में कार्य प्रारंभ कराया गया, लेकिन कार्य की गुणवत्ता इतनी खराब है कि उसका स्थायित्व संदेह के घेरे में है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री न तो जेम पोर्टल से खरीदी गई और न ही गुणवत्ता मानकों का पालन किया गया। स्थानीय स्तर पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर खानापूर्ति की जा रही है।

इस मामले में शिकायतकर्ता ने आरटीआई के माध्यम से पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ रायपुर से जांच की जानकारी मांगी थी, लेकिन जवाब में कहा गया कि कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसका मतलब यह है कि अब तक न तो किसी ठोस जांच की गई और न ही जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि राज्य की डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य दोनों में एक ही दल की सरकार) अधिकारियों के माध्यम से मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने अब इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।

साथ ही इसी प्रकार का मामला पार्क वन परीक्षेत्र रामगढ़ और रेहन्द का भी है जहां करोडो की लागत से घटिया एवं निम्न स्तर का स्टापडेम सहित चारागाह विकास कार्य कराया जा रहा है उक्त कार्य मे भी जमकर घोटाला किया जा रहा है इसकी भी जाँच के लिए लिखित शिकायत भेजी गई थी । इसकी जांच भी दबा दी गई है।

पार्क सोनहत का क्या है पूरा मामला:

  • 7 स्टाप डेम निर्माण के लिए 138 लाख रुपये स्वीकृत।
  • बिना निर्माण के राशि आहरण कर ली गई थी।
  • शिकायत के बाद आनन-फानन में घटिया स्तर का निर्माण कार्य प्रारंभ।
  • जेम पोर्टल से सामग्री खरीदी न जाकर स्थानीय स्तर पर घटिया सामान खरीदा गया।
  • आरटीआई से जांच की स्थिति पूछने पर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ सुधीर अग्रवाल ने दी निराशाजनक प्रतिक्रिया।

सवाल उठते हैं:

  • जब प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत पहुंची थी, तो भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
  • क्या राज्य सरकार और वन विभाग अपने अधिकारियों को बचा रहे हैं?
  • घटिया निर्माण से टाइगर रिजर्व के पर्यावरण और जंगली जीवों को कितना नुकसान होगा?

अगला कदम:

शिकायतकर्ता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला कर लिया है। उनका कहना है कि अगर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से भी न्याय नहीं मिला, तो वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।

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Author: salam india

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